चूहा और शेर
भीषण गर्मी से बचने के लिए एक शेर घने वृक्ष की छाया में आराम कर रहा था
तभी एक चूहा बाहर आया, जो पेड़ ही में बने बिल में रहता था
उसने शेर को आराम करते देखा तो, निडर हो कर शेर के पास आ गया
आराम करते शेर को देख चूहे ने सोचा
क्यों न उसके शरीर पर दौड़ा जाये
अभी चूहा शेर की पीठ चढ़ा ही था कि शेर ने उसे पंजे में जकड़ लिया
शैतान चूहे , मुझे आराम भी नहीं करने दिया
मैं तुम्हे जान से मार दूंगा, शेर दहाड़ कर बोला
मुझे छोड़ दो, हो सकता है मैं भविष्य में तुम्हारे किसी काम आ सकूं
चूहा अपने जान की भीख माँगने लगा
चूहे की बात सुन शेर हैरान तो हुआ,
लेकिन चेहरे पर मुस्कान लाते हुए उसने चूहे को छोड़ दिया
कुछ दिनों बाद शेर उसी वृक्ष के निचे बिछाये शिकारी के जाल में फस गया
जोर से दहाड़ते हुए शेर ने जाल से बाहर निकलने का प्रयास किया
शेर की दहाड़ सुन कर चूहा अपने बिल से बाहर आया
उसके लिए अवसर था की वह शेर के उपकार का बदला चूका सके
कुछ ही देर में चूहे ने जाल की रस्सियों को कुतर कर शेर को आजाद कर दिया
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि किसी को छोटा व कमजोर ना समझे